उत्तराखंड में पड़ रही है कड़ाके की ठंड, सर्दी के सितम से घरो में कैद हुए लोग

उत्तराखंड में भीषण सर्दी से मैदानी जिले बेहाल हैं। घने कोहरे के कारण धूप के दर्शन नहीं हो रहे। इससे शुक्रवार को तापमान ने गोता लगा दिया। यह इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा।

दून में दिनभर धुंध और कोहरे की चादर बिछी रही, जिससे अधिकतम तापमान में 24 घंटे में करीब 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, न्यूनतम तापमान में मामूली इजाफा हुआ है। अगले दो दिन दून में कोहरे की मार जारी रह सकती है।

शुक्रवार को दून में घना कोहरा छाया रहा और दोपहर बाद कहीं-कहीं हल्की धूप खिली। इसके साथ ही सर्द हवाओं ने खूब कंपकंपी छुड़ाई। दून का अधिकतम तापमान रसातल पर पहुंच गया। इसमें सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई और गुरुवार की तुलना में यह 10 डिग्री सेल्सियस कम रहा।

शीत दिवस की बनी स्थिति

आसपास के क्षेत्रों में भी प्रचंड ठंड महसूस की जा रही है। विकासनगर और ऋषिकेश में भीषण ठंड से जनजीवन बेहाल है। मसूरी, धनोल्टी और चकराता में दिन में जरूर धूप खिल रही है, लेकिन सुबह-शाम पारा तेजी से लुढ़कने से हाड़ कंपाने वाली ठंड है। अगले दो दिन देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में शीत दिवस की स्थिति बन सकती है। मैदानी क्षेत्रों में कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

कोहरे के प्रकोप से मैदानी क्षेत्र बेहाल

उत्तराखंड में सर्दी का सितम फिर बढ़ गया है। मैदानी क्षेत्र घने कोहरे के प्रकोप से बेहाल हैं। हालांकि, शुष्क मौसम के बीच पर्वतीय क्षेत्रों में धूप खिल रही है और तापमान भी सामान्य है, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड से जनजीवन प्रभावित हो गया है।

हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर के ज्यादातर इलाकों में धूप के दर्शन नहीं हो रहे हैं। देहरादून जनपद में धुंध व कोहरे के कारण पारे ने गोता लगाया और अधिकतम तापमान में करीब आठ डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई।

फ्लाइट और ट्रेनों पर रहा कोहरे का असर

उत्तर भारत में घने कोहरे के कारण दून पहुंचने वाली फ्लाइट दो से तीन घंटे देरी से पहुंचीं। जबकि, ट्रेनों के पहुंचने का समय आठ से 10 घंटे लेट है। उधर, मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, अगले कुछ दिन प्रदेश में मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान है। मैदानी क्षेत्रों में कोहरा रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.