केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उत्तरखंड की बालाजी सेवा संस्थान को किया सम्मानित

dainik khabar

उत्तरखंड की एनजीओ बालाजी सेवा संस्थान को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के दिन दिल्ली में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डॉ मनसुख मंडाविया, माननिये केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण द्वारा WHO-WNTD अवार्ड 2023 से पुरस्करित किया गया । यह पुरस्कार श्री अवधेश कुमार, कार्यकारी निदेशक बालाजी सेवा संस्थान को प्रदान किया गया I पुरस्कार समारोह में श्री एसपी सिंह बघेल MoS, स्वास्थ्य मंत्रालय, श्री राजेश भूषण, सचिव, MoHFW और डॉ रोडेरिको एच. ओफ्रिन, भारत में WHO प्रतिनिधि ने भाग लिया।

यह पुरस्कार बालाजी सेवा संस्थान को लगभग एक दशक से उत्तराखंड राज्य में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के कार्यान्वयन के माध्यम से तम्बाकू नियंत्रण नीतियों को मजबूत करने के अपने अथक प्रयास को सम्मान देने के लिए प्रदान किया गया।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई को आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसका आयोजन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा तंबाकू के उपयोग के हानिकारक परिणामों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और तंबाकू की खपत को कम करने के उद्देश्य से नीतियों की वकालत करने के लिए किया जाता है। इस पहल का प्राथमिक लक्ष्य जनता को तम्बाकू के उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य खतरों के बारे में शिक्षित करना है, जिसमें धूम्रपान और धुआँ रहित तम्बाकू उत्पाद दोनों शामिल हैं। हर साल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) व्यक्तियों या संगठनों को तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए चुनता है। अवधेश कुमार, कार्यकारी निदेशक बालाजी सेवा संस्थान ने माननीय मुख्यामंत्री जी उत्तराखंड श्री पुष्कर सिंह धामी तथा माननीय स्वस्थ्य मंत्री जी डॉ धन सिंह रावत का आभार प्रकट किया है जिनके प्रयासों से आज उत्तराखंड में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का कार्यान्वयन मजबूती से हो रहा है |

बालाजी सेवा संस्थान (BSS) एक प्रमुख स्तर का एनजीओ है जो पिछले कई वर्षों से उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। बता दें कि, GATS 2016-17 सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड राज्य की 26.5% प्रतिषत जनसंख्या तम्बाकू का सेवन कर रही है। भारत में 13 लाख से अधिक व्यक्तियों की मौत तम्बाकू के कारण होती हैं।।बालाजी सेवा संस्थान मजबूत नीतिगत पहल, हितधारकों के संवेदीकरण और क्षमता निर्माण आदि के माध्यम से तम्बाकू नियंत्रण नीतियों को मजबूत कर रहा है है।

BSS ने तम्बाकू नियंत्रण उपायों में विशेष रूप से कार्य स्थल, चार धाम यात्रा और पर्यटन स्थलों को तम्बाकू मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन सब प्रयासों के लिए BSS को माननीय स्वस्थ्य मंत्री जी, उत्तराखंड और स्वस्थ विभाग के साथ साथ सभी विभागों का पूर्ण सहयोग मिलता आ रहा है I।एनजीओ ने तम्बाकू मुक्त चुनाव बूथ, तम्बाकू मुक्त महाकुंभ हरिद्वार 2021, तम्बाकू मुक्त चारधाम यात्रा 2023, तम्बाकू मुक्त गाँव अभियान आदि जैसे कई अभियान सफलतापूर्वक चलाए हैं। टेहरी जनपद को 26 जनवरी 2015 और मसूरी को 31 मई 2018 विश्व तंबाकू निषेध दिवस को धूम्रपान मुक्त घोशित किया जा चुका है, संस्था का प्रयाास है कि प्रदेष के अन्य जनपद भी तंबाकू मुक्त घोशित किये जा सकें ताकि भावी पीढी को तम्बाकू के दुश्प्रभाव से बचाया जा सकें। उन्होंने उत्तराखंड तम्बाकू फ्री कोएलिशन (UTFC) का गठन किया जो राज्य में सफलतापूर्वक काम कर रहा हैI UTFC संस्थानों या संगठनों का एक समूह है जो राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के कार्यान्वयन में राज्य तंबाकू नियंत्रण सेल, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग का समर्थन कर रहा है । इस गठबंधन के सदस्य धार्मिक समूह / योग पीठ , शैक्षणिक संस्थान / विश्वविद्यालय, एम्स ऋषिकेश, गैर सरकारी संगठन, ट्रस्ट आदि है I अवधेश कुमार, ने तंबाकू नियंत्रण कानून-सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003 के बारे में जानकारी देते हुए बतया की कोटपा 2003 कानून के तहत सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने, खुलेआम तंबाकू से संबंधित सामग्री बेचने पर कार्रवाई की जाती है। इस कानून मैं मुख्यता 4 धाराएं हैं, धारा-4 मुख्य रूप से सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध को लेकर है।

जुर्माना-नियमों को तोड़ने पर 200 रुपए का जुर्माना। धारा – 5 मुख्य रूप से सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध से जुड़ा है।
जुर्माना- नियमों को तोड़ने पर पहली दफा एक हजार रुपए दोवर्ष की सजा का प्रावधान है। दूसरी दफा पांच हजार रुपए का जुर्माना और पांच वर्ष की कैद का प्रावधान है। धारा – 6 नाबालिग एवं शैक्षिक संस्थानों के आसपास बिक्री करने या उपयोग करने पर प्रतिबंध से जुड़ा है। जुर्माना – 200 रुपए का जुर्माने का प्रावधान है।

धारा – 7, 8, 9 – बगैर विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनी के सिगरेट और अन्य तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध से जुड़ा है।।जुर्माना -क – विनिर्माता- पहला अपराध – नियमों को तोड़ने पर पांच हजार रुपए का जुर्माना और दो साल की सजा का प्रावधान है। दूसरी दफा नियमों को तोड़ने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना या पांच साल की सजा का प्रावधान है।

बिक्री या खुदरा बिक्री- पहले अपराध में नियमों को तोड़ने पर एक हजार से रुपए का जुर्माना या एक साल की कैद का प्रावधान है। जबकि, दूसरी दफा नियमों को तोड़ने पर तीन हजार रुपए का जुर्माना या दो साल की कैद का प्रावधान है। अवधेश कुमार, ने मीडिया से उत्तराखंड को तंबाकू मुक्त राज्य बनाने में सरकार और बालाजी सेवा संस्थान के प्रयासों का समर्थन करने का अनुरोध किया क्योंकि मास मीडिया तंबाकू नियंत्रण अभियान बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंच सकता है।

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