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17 दिसंबर से, 45 दिनों तक चलेगा ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान

dainik khabar

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में 17 दिसम्बर से 45 दिनों तक ‘जन जन की सरकार-जन जन के द्वार’ अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान के दौरान विभिन्न न्याय पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों में कैंम्प लगाकर आम आदमी से जुडी योजनाओं का लाभ जन सामान्य तक उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। इस अभियान में राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, समाज कल्याण सहित 23 विभाग शामिल रहेंगे। इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।

सामान्य प्रशासन सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को प्रेषित पत्र में प्रदेश में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने और जरूरतमंदों लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया 17 दिसम्बर से 45 दिनों तक प्रदेश में ‘‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’’ अभियान के अन्तर्गत विभिन्न न्याय पंचायतों में कैम्प लगाकार न्याय पंचायतों, ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए जन सामान्य से आवेदन पत्र प्राप्त करते हुए उस पर कार्यवाही की जाएगी।

सचिव ने बताया कि यह कार्यक्रम न्याय पंचायत के स्तर पर संचालित किया जाएगा और वहां पर बहुउद्देशीय शिविर/कैम्प का आयोजन किया जाएगा। यदि कोई न्याय पंचायत बहुत बड़ी हो तो उस न्याय पंचायत में दो भागों में गांव को विभक्त करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान बहुउद्देशीय शिविर में उपस्थित लोगों को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से संचालित की जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी और कैम्प में उपस्थित पात्र व्यक्तियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कैम्प के उपरान्त निकट के किसी गांव में सभी अधिकारियों की ओर से भ्रमण किया जाएगा और उस गांव के सभी पात्र व्यक्तियों को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए आवेदन पत्र भरावाए जाएंगे। उस ग्राम पंचायत के सभी निवासीगण केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की सभी प्रकार की योजनाओं से पूरी तरह से लाभान्वित हो सकें और कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रह सके, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शिविर से पूर्व मीडिया के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने और जनपद में अधिकारियों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सप्ताह में कम से कम 02 से 03 कार्य दिवसों में प्रत्येक तहसील की न्याय पंचायतों में यह कैम्प लगाया जाना सुनिश्चित किया जाय। प्रयास किया जाय कि प्रत्येक सप्ताह जनपद में जितनी तहसील है उनकी कम से कम एक-एक न्याय पंचायतों में यह आयोजन किया जाए। यह कार्यक्रम न्यूनतम 45 दिन तक अनिवार्य रूप से सभी न्याय पंचायतों में चलाया जाना है। यदि इस अभियान के दौरान सभी न्याय पंचायतें आच्छादित नहीं हो पाते है तो कार्यकम को तद्नुसार जनपद की ओर से आवश्यकतानुसार इसे आगे भी विस्तारित किया जा सकता है।

उन्होंने निर्देश दिए है कि ग्राम स्तर पर केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के लाभ से संबंधित क्षेत्र और ग्राम पंचायत में कौन-कौन से लोग वंचित है, इसका पूर्व से ही विभिन्न विभागों के माध्यम से सर्वेक्षण करा लिया जाए और भ्रमण के दौरान इन कमियों को दूर करने की कार्यवाही की जाए और सभी संबंधित से आवेदन पत्र भरावाया जाएं।

पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि प्रत्येक सप्ताह आयोजित होने वाले किसी एक कैम्प में अनिवार्य रूप से जिलाधिकारी स्वयं उपस्थित रहें। अन्य कैम्पों कमशः मुख्य विकास अधिकारी अथवा अपर जिलाधिकारी अथवा उपजिलाधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। आयोजित होने वाले कैम्पों में नामित विभागों के अधिकारीगण कैम्पों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे और कैम्प के दौरान यह प्रयास किया जाय कि आम जन मानस की समस्याओं का मौके पर ही समाधान सम्भव हो सके।

उन्होंने कहा कि कैम्प लगाये जाने के दो से तीन दिन पूर्व सभी प्रकार के आवेदन पत्र ग्राम स्तर पर उपलब्ध रहें, ताकि आवेदन पत्र भरे जाने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने जनपद स्तर पर न्याय पंचायतों में लगाये जाने वाले कैम्पों की रूप-रेखा,कार्य योजना एक सप्ताह में तैयार करते हुए शासन को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये है ताकि शासन स्तर के अधिकारियों द्वारा संचालित कैम्पों का औचक निरीक्षण किया जा सकें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यक्रम के उपरान्त कार्यक्रम की सफलता और कार्यों का विवरण मीडिया को साझा किया जाए। प्रत्येक सप्ताह आयोजित होने वाले कार्यकमों की प्रगति आख्या अनिवार्य रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध कराया जाए।

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