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मतदाता सूची में हेरफेर रोकने को चुनाव आयोग ने शुरू की ई-सत्यापन प्रक्रिया

dainik khabar

मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए चुनाव आयोग ने ई-सत्यापन प्रणाली लागू की है। अब किसी भी मतदाता का नाम जोड़ने या हटाने पर आपत्ति दर्ज करने वाले को उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) भेजा जाएगा। यह सत्यापन पूरा होने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, पहले कई बार ऐसा होता था कि आपत्ति दर्ज कराने वाला व्यक्ति किसी अन्य का नाम या मोबाइल नंबर लिख देता था। ई-सत्यापन की नई व्यवस्था इस तरह के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगी।

आयोग ने स्पष्ट किया कि यह कदम किसी राजनीतिक बयानबाज़ी के जवाब में नहीं उठाया गया है। उदाहरण के तौर पर, कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाए जाने की शिकायतों के बाद 6,018 ऑनलाइन आवेदन (फॉर्म-7) आए थे। जांच में इनमें से केवल 24 सही पाए गए, जबकि 5,994 आवेदन गलत निकले। इसलिए सिर्फ 24 नाम ही मतदाता सूची से हटाए गए।

इस बीच, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर दावा किया कि उनकी आपत्ति के बाद ही चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल किया कि अलंद मामले में कर्नाटक सीआईडी को सबूत कब सौंपे जाएंगे। राहुल गांधी ने लिखा, “हमने चोरी पकड़ी, तभी आयोग को ताला लगाने की याद आई। अब हम चोरों को भी पकड़ेंगे।”

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