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उत्तराखंड में 2025 से चार धाम यात्रियों को रेल सेवा मिलना प्रारम्भ हो जायेगी

dainik khabar

उत्तराखंड में 2025 से चार धाम यात्रियों को रेल सेवा मिलना प्रारम्भ हो जायेगी। ऐसा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना 31 दिसम्बर 2024 तक पूर्ण होने से होगा। इसके अतिरिक्त चारधाम यात्रियों को रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिये चारधाम एफ.एल.एस. कार्य के अन्तर्गत उत्तराखंड के पहाड़ों में 4 अन्य रेल लाइनों का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है। यह जानकारी इन कार्यों की कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लि. ने सूचना अधिकार के अन्तर्गत नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने रेल मंत्रालय से उत्तराखंड की नई रेल लाइनों के विकास के सम्बन्ध में सूचनायें मांगी गयी थी। उपलब्ध सूचना के अनुसार रेल विकास निगम लिमिटेड रेलवे की एक कार्यदायी संस्था है जो उत्तराखंड राज्य में 126 किमी ऋषिकेशकृकर्णप्रयाग ब्रॉड गेेज रेल लाइन परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा हैै। निर्माण कार्य प्रगति पर हैै। इसके अतिरिक्त चार धाम एफ.एल.एस.कार्य के अन्तर्गत (गंगोत्री-यमुनोत्री) 122 किमी. डोईवाला, उत्तरकाशी व बड़कोट, (केदारनाथ व बद्रीनाथ) कर्ण प्रयाग-साईकोट, सोन प्रयाग, 91 किमी., साईकोर्ट-जोशीमठ 86 किमी. साईकोट से पीपल कोटी 21 किमी. अंतिम स्थान निर्धारण सर्वे कार्य पूर्ण किया गया हैै विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार को भेज दी गयी हैै।

रेल विकास निगम द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नौ पैैकेज में विभाजित किया गया है। परियोजना पूर्ण होने की तिथि 31 दिसम्बर 2024 है। इस रेललाइन के प्रगति विवरण के अनुसार सूचना उपलब्ध कराने के तिथि तक कुल रेल लाइन की लम्बाई 125.172 किमी. में से 5.770 किमी. का कार्य पूर्ण हो चुका हैै। 7 एडिट्स में से भी सभी 7 तथा 10 शाफ्ट में से 1 शाफ्ट का कार्य पूर्ण हो चुका हैै। मुख्य सुरंगों की 104 किमी. लम्बाई में से 24 किमी. का कार्य पूरा हो चुका हैै जबकि इस्केप सुरंगों की कुल लम्बाई 97.7 किमी. में से 26 किमी. का कार्य तथा एडिट्स व शाफ्ट की सभी लम्बाई 4.5 किमी. कार्य, महत्वपूर्ण पुलों में 5 में से 1, सड़क पुलों में 6 में से 1, सड़क के ऊपर पुलों (आर.ओ.बी) का 2 में से 1, रोड अंडर ब्रिज 1 में से 1 तथा एलएचएस. का 4 में से 1, छोटे पुलों मे 34 में से 15 तथा नये स्टेशनों में 12 में से 1 का काम पूरा हो चुका हैै।

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