मुख्यमंत्री धामी ने रिवर्स पलायन व्यक्तियों को अनुभव साझा करने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डा एसएस नेगी ने आयोग द्वारा किए गए कार्यों की विस्तार से जानकारी मुख्यमंत्री को दी। साथ ही राज्य में रिवर्स पलायन को लेकर चल रहे सर्वे का उल्लेख करते हुए कहा कि रिवर्स पलायन करने वाले लोग कृषि पशुपालन पर्यटन होम स्टे बागवानी समेत अन्य क्षेत्रों से जुड़कर स्वरोजगार कर रहे हैं। बैठक में आयोग के सदस्यों ने भी कई सुझाव रखे।

 उत्तराखंड के विभिन्न गांवों से पूर्व में पलायन करने के बाद अब घर वापसी करने वाले लोग खाली नहीं बैठे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में हुई पलायन निवारण आयोग की समीक्षा बैठक में उन्हें अवगत कराया गया कि राज्य में रिवर्स पलायन करने वाले लोग क्या कर रहे हैं, इसे लेकर सर्वे चल रहा है।

अभी तक 45 विकासखंडों से यह जानकारी मिली है कि वहां घर वापसी करने वाले 2165 लोग विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रिवर्स पलायन करने वाले लोगों को अपने अनुभव साझा करने के लिए उचित प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाए, ताकि उनके सुझावों को विभिन्न योजनाओं में सम्मिलित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार रिवर्स पलायन पर विशेष जोर दे रही है। इसी क्रम में रिवर्स पलायन कर विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार कर रहे व्यक्तियों के अनुभव बेहद महत्वपूर्ण हैं। इनकी सफलता से प्रेरित होकर अन्य लोग भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने ग्राम्य विकास सचिव राधिका झा को निर्देश दिए कि रिवर्स पलायन करने वाले लोगों को अनुभव और उनकी सफलता की कहानियां साझा करने के लिए प्लेटफार्म विकसित किया जाए।
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी आजीविका के लिए कौशल विकास पर बल देते हुए स्थानीय निवासियों को अपने क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने की जरूरत भी बताई। उन्होंने यह भी कहा कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को पेशेवर दक्षता प्रदान की जाए, जिससे उनके समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग व मार्केटिंग बेहतर होने के साथ ही उत्पाद का उचित दाम मिल सके।
उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आने वाले समय में उत्तराखंड को देश के श्रेष्ठ राज्यों में स्थान दिलाएगी। यह भागीदारी नारीशक्ति के जुनून, हौसले व हुनर का सम्मान होगा।
मुख्यमंत्री ने योजनाओं के सरलीकरण के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। साथ ही पलायन निवारण आयोग को प्रभावी बनाने के लिए नियोजन, शिक्षा, पर्यटन, कौशल विकास जैसे विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया। बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, पलायन निवारण आयोग के सदस्य रामप्रकाश पैन्यूली, सुरेश सुयाल, दिनेश रावत, अपर आयुक्त ग्राम्य विकास राजेंद्र सिंह रावत समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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