रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक, उभरते खतरों पर बनी रणनीति

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को देश की सुरक्षा स्थिति की गहन समीक्षा की, जिसमें शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। यह उच्चस्तरीय बैठक उस घटनाक्रम के ठीक एक दिन बाद हुई, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा किए गए सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिशों को नाकाम कर दिया।

भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की पाकिस्तानी साजिश को विफल करने के 24 घंटे के भीतर रक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी मौजूद रहे। बैठक में वर्तमान और संभावित सुरक्षा खतरों पर व्यापक चर्चा की गई।

गुरुवार देर रात पाकिस्तान की ओर से जम्मू, पठानकोट, उधमपुर सहित कई क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइलों के जरिये भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। भारतीय सशस्त्र बलों की मुस्तैदी के चलते यह प्रयास असफल हो गया। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है।

भारतीय रक्षा अधिकारियों के अनुसार, सेना ने पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमलों को समय रहते नाकाम किया। यह हमला उस पहले प्रयास के कुछ ही घंटों बाद किया गया था, जब पाकिस्तान ने देश के विभिन्न हिस्सों में सैन्य प्रतिष्ठानों को टारगेट करने की कोशिश की थी।

गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि पाकिस्तान ने अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलौदी, उत्तरलाई और भुज जैसे शहरों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। लेकिन भारतीय सशस्त्र बलों ने तत्परता दिखाते हुए इन सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया।

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